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Sunday, July 10, 2016

आयी किमैं समझ मैं ?

आयी किमैं समझ मैं ?
2015 -2016 के बजट में जेटली साहब ने 7 लाख 91 हजार करोड़ का प्रत्यक्ष कर वसूलने का लक्ष्य रखा था । प्रत्यक्ष करों की उगाही पूंजीपतियों या ज्यादा आय वालों से की जाती है । 
लेकिन 2015 -2016 के संशोधित अनुमानों में यह केवल 7 लाख 44 हजार ही रह गया । वास्तविक आंकड़े जब सामने आएंगे तो यह और भी नीचे जा सकता है । 
मालों और सेवाओं पर लगने वाले करों यानि अप्रत्यक्ष करों का अनुमानित लक्ष्य बजट 2015 -2016  में  6 लाख 48  रखा गया था लेकिन संशोधित अनुमानों में यह बढ़कर 7 लाख 4 हजार करोड़ रूपये हो गया । प्रत्यक्ष करों में लगभग 46000 करोड़ की कटौती हुई ।  अप्रत्यक्ष करों में लगभग 55000 करोड़ की बढ़ोतरी हुई । 
यह सब सरकार की राजस्व नीति को बेपर्दा करता है । 
आयी किमैं समझ मैं ?

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