आयी किमैं समझ मैं ?
2015 -2016 के बजट में जेटली साहब ने 7 लाख 91 हजार करोड़ का प्रत्यक्ष कर वसूलने का लक्ष्य रखा था । प्रत्यक्ष करों की उगाही पूंजीपतियों या ज्यादा आय वालों से की जाती है ।
लेकिन 2015 -2016 के संशोधित अनुमानों में यह केवल 7 लाख 44 हजार ही रह गया । वास्तविक आंकड़े जब सामने आएंगे तो यह और भी नीचे जा सकता है ।
मालों और सेवाओं पर लगने वाले करों यानि अप्रत्यक्ष करों का अनुमानित लक्ष्य बजट 2015 -2016 में 6 लाख 48 रखा गया था लेकिन संशोधित अनुमानों में यह बढ़कर 7 लाख 4 हजार करोड़ रूपये हो गया । प्रत्यक्ष करों में लगभग 46000 करोड़ की कटौती हुई । अप्रत्यक्ष करों में लगभग 55000 करोड़ की बढ़ोतरी हुई ।
यह सब सरकार की राजस्व नीति को बेपर्दा करता है ।
आयी किमैं समझ मैं ?
2015 -2016 के बजट में जेटली साहब ने 7 लाख 91 हजार करोड़ का प्रत्यक्ष कर वसूलने का लक्ष्य रखा था । प्रत्यक्ष करों की उगाही पूंजीपतियों या ज्यादा आय वालों से की जाती है ।
लेकिन 2015 -2016 के संशोधित अनुमानों में यह केवल 7 लाख 44 हजार ही रह गया । वास्तविक आंकड़े जब सामने आएंगे तो यह और भी नीचे जा सकता है ।
मालों और सेवाओं पर लगने वाले करों यानि अप्रत्यक्ष करों का अनुमानित लक्ष्य बजट 2015 -2016 में 6 लाख 48 रखा गया था लेकिन संशोधित अनुमानों में यह बढ़कर 7 लाख 4 हजार करोड़ रूपये हो गया । प्रत्यक्ष करों में लगभग 46000 करोड़ की कटौती हुई । अप्रत्यक्ष करों में लगभग 55000 करोड़ की बढ़ोतरी हुई ।
यह सब सरकार की राजस्व नीति को बेपर्दा करता है ।
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